बिहार के प्रसिद्ध आम: जैसा कि हम सब जानते है, आम को फलो का राजा कहा जाता है। पर आम को यू हि फलों का राजा नहीं कहा जाता है। उसे राजा बनाता है उसके बहुत सारे गुण, जो दूसरे फलों में नहीं होता है। आम में बायो एक्टिव कंपाउड और Fibre होने के कारण यह स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद होता है।
भारत में जो आम की प्रजाति पाई जाती है उसे Mangifera indica कहा जाता है। यह भारत के साथ ही पाकिस्तान और म्यांमार में भी पाया जाता है।आम भारत के साथ साथ पाकिस्तान, फिलीपींस में भी राष्ट्रीय फल है। तो आइए हम बिहार के 6 प्रसिद्ध आम के बारे में जानते है।
जर्दालू आम
यह बिहार के भागलपुर में पाया जाता है। यह आम हल्के पीले रंग का होता है, तथा अपने विशेष खुशबू के कारण विश्व भर में प्रसिद्ध है। इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर कि पत्रिका Geographical Indication में भी शामिल कर लिया गया है, और इसे GI टैग भी मिल गया है। भागलपुर में जर्दालू आम को सबसे पहले अली खान बहादुर ने जगदीशपुर प्रखण्ड के तेजपुर में उगाया था।
इस आम की खासियत का अंदाजा इस बात से लगा सकते है कि, ये आम सन् 2006 से बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर देश के प्रथम नागरिक माननीय राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को हर वर्ष भेजा जाता है।
आम्रपाली आम
इस आम का विकास भारतीय अनुसंधान संस्थान नई दिल्ली में हुआ है। यह Hybrid प्रकार का आम है, जो दशहरी और नीलम आम को क्रॉस करा कर बनाया गया है। इसका रंग लाल सुर्ख होता है, और हल्का खट्टा मीठा स्वाद के कारण विदेशियों की पहली पसंद बनी हुई है। इस आम में कैरोटीन की मात्रा काफी आधिक होती है।
आम्रपाली आम एक बौनी प्रजाति का आम है जिसकी लंबाई औसतन दूसरे आमो से कम होती है। इसमें कार्बहाइड्रेट, विटामिन ए और बी पाए जाते है। यह बिहार में पाया जाना वाला प्रमुख आमों में से एक है।
हिमसागर आम
जो आम को राजा की उपाधि मिली है दरअसल इसी आम की वजह से मिली है। इसका रंग नारंगी और पीला होता है। इसका वजन लगभग 250 से 300 ग्राम होता है। यह आम मुख्यत बंगाल और बांग्लादेश में राजा शाही मे मिलता है। मगर यह आम बिहार में भी काफी अच्छी मात्रा में उगाया जा रहा है।
यह आम काफी कम समय के लिए बाजार में उपलब्ध होता है। बंगाली लोगो के द्वारा सबसे पसंद किए जाना वाला आम है। इस आम से बने Mango शेक की भी काफी मांग होती है, क्यों कि इसका स्वाद ही कुछ ऐसा है।
प्रसिद्ध आम दशहरी
यह उत्तर भारत में सबसे उत्तम आम के रूप में जाना जाता है। इसका रंग हल्का पीला होता है, इसकी मांग और मूल्य हमेशा अधिक बनी रहती है। इस आम की खेती उत्तर भारत के साथ ही दक्षिण भारत के कुछ इलाकों में भी काफी मात्रा में होने लगी है।
यह आम उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के साथ ही फिरोजपुर और काकोरी इलाके में उगाया जाता है। दशहरी आम की एक प्रजाति है जिसकी भिन खुशबू की वजह से विदेशो में काफी प्रसिद्ध है। उत्तर प्रदेश का मलिहाबाद दशहरी आम का सबसे बड़ा उत्पादक है।
प्रसिद्ध लंगड़ा आम
लंगड़ा आम प्रजाति कि उत्पति उत्तर प्रदेश के बनारस मे हुआ है, और इसे बनारसी लंगड़ा भी कहा जाता है। वाराणसी के चिरईगांव में इसकी सबसे अधिक पैदावार होती है। काशी विद्यापीठ, बड़ागांव, सेवापुरी, आराजीलाइन, हरहुआ, सहित आठों ब्लॉकों में इसके बागीचे हैं।
पक्क जाने के बाद भी लंगड़ा आम अपना हरा रंग बनाए रखता है, जबकि अन्य आम पीले-लाल रंग में बदल जाते हैं। इस रसदार फल की खेती उत्तर प्रदेश, बिहार, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, मध्य प्रदेश, उड़ीसा, पंजाब, पश्चिम बंगाल और राजस्थान सहित कई राज्यों में की जाती है।
दुधिया मालदा आम
बिहार के पटना के पास दीघा इलाके में मालदा आम कि खेती काफी मात्रा मे कि जाती है। इसका छिलका पतला होता है और अपने अद्भुत स्वाद के लिए काफी मशहूर है। पटना के दीघा घाट के मालदा आम की खुशबू और मिठास के दीवानें देश-विदेश तक फैले हैं।
मालदा आम की मिठास और खुशबू की वजह से हर साल अमेरिका, यूरोप, दुबई, स्वीडन, इंग्लैंड आदि देशों में रहने वाले लोग इसे यहा से मंगवाते हैं। महाराष्ट्र, यूपी, गुजरात, पश्चिम बंगाल, दिल्ली, राजस्थान आदि राज्यों में भी मालदा आम के कद्रदानों की भरमार है।
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