बिहार कि प्रमुख फसल: वैसे तो बिहार के लोग लंबे अर्से से अपने घर से दूर कमाने को जाते रहे है। और ये सिलसिला आज भी बदस्तुर ज़ारी है। और इसका कारण बहुत ही साफ है, बिहार में Industries का ना होना। तो फिर बिहार में है क्या ? कैसे बिहार अपने इतने विशाल जनसंख्या का पेट भर रहा है?
ऊपर उठाए गए सवाल का जवाब है, बिहार का कृषि प्रधान राज्य होना। गौरतलब है कि बिहार के जीडीपी का 24.84% हिस्सा भी कृषि क्षेत्र से ही आता है। अब बात कृषि कि आ ही गयी है तो हम ये जान लेते है कि आखिर बिहार कि प्रमुख फसल क्या है ?
तो हम इस लेख के माध्यम से जानेंगे कि बिहार में कौन से प्रमुख फसलें उगाई जाती है।
बिहार में कृषि
राज्य में कृषि के बारे मे जानना जरूरी है क्यू कि, राज्य अर्थव्यवस्था के समग्र विकास की कुंजी कृषि है। और जैसा कि हम ऊपर बता चुके है कि राज्य घरेलू उत्पाद (GDP) का लगभग 24.84% उत्पादन कृषि से ही आता है। इसलिए हम कह सकते है कि कृषि बिहार की अर्थव्यवस्था का आधार है।
बिहार कि प्रमुख फसलों के बारे में जानने से पहले हमे ये जान लेना जरूरी है कि, आख़िर बिहार में खेती के लिए उपलब्ध जमीन कितनी है।
(1) बिहार का कुल भगौलिक क्षेत्र – 93.60 लाख हैक्टेयर (लगभग)
(2) कुल कृषि योग्य भूमि – 79.46 लाख हैक्टेयर (लगभग)
(3) मौजूदा समय में कितनी भूमि पर खेती होती है – 56.03 लाख हैक्टेयर (लगभग)
अब हम आपको 1 बोनस जानकारी दिए देते है :-
क्या आपको पता है कि बिहार में कृषि से कुल 76% जनसंख्या जुड़ी है।
बिहार कि प्रमुख फसल
बिहार मे प्रमुख रूप से कौन कौन से फसलों कि खेती कि जाती है, इसे अच्छी तरह से समझने के लिए हम पहले इसे दो हिस्सो में बाट देते है।
(क) खाद्य फसलें (ख़) नगदी फसलें
बिहार मे खाद्य फसलें
खाद्य फसलें जो बिहार मे मुख्यतः उगाई जाती है वो तीन प्रकार के है :-
(1) अनाज वाली फ़सले (2) तेलहनी फ़सले (3) दलहनी फ़सले
प्रमुख अनाज वाली फ़सले
(a) धान
बिहार मे मुख्यतः 4 प्रकार कि धान कि खेती होती है। (a) भदई धान (b) अगहनी धान (c ) खरीफ मौसम वाली धान (d) ग्रीसमकालीन धान। राज्य मे कुल 32.32 लाख हैक्टेयर जमीन मे धान कि खेती होती है। और धान कि कुल उपज 68.02 मेट्रिक टन/वर्ष होती है।
अग्रणी जिले :- रोहतास (7,59,630 Metric Ton /Yr), औरंगाबाद (5,53,347 MT/Yr), बांका (3,16,978 MT/Yr)
(b) गेहू
अगर हम गेहू कि बात करे तो बिहार के 38 जिलों मे इसकी खेती कि जाती है। वही 1.31 लाख हैक्टेयर कृषि क्षेत्र के साथ रोहतास जिला अग्रणी है। और समूचे बिहार राज्य कि बात करे तो कुल 21.10 लाख हैक्टेयर हिस्से मे गेहू कि खेती होती है। और गेहू कि कुल उपज 47.36 मेट्रिक टन/वर्ष होती है।
अग्रणी जिले :- रोहतास (2,94,213 Metric Ton /Yr), सीतामढ़ी (2,83,073 MT/Yr), बक्सर (2,45,576 MT/Yr)
(c) मक्का
बिहार मे मक्के कि खेती साल भर मे तीन बार होती है। (a) खरीफ मौसम वाली मक्का (b) रबी मौसम वाली मक्का (c ) ग्रीसमकालीन मक्का। वही राज्य मे कुल 07.04 लाख हैक्टेयर जमीन पर मक्के कि खेती होती है। और मक्के कि कुल उपज 25.17 मेट्रिक टन/वर्ष होती है।
अग्रणी जिले :- कटिहार (3,65,950 MT /Yr), भागलपुर (2,33,337 MT/Yr), अररिया (2,32,051 MT/Yr)
(d) जौ
अगर हम बात करे जौ कि तो इसकी कुल खेती 10,655 हैक्टेयर भू भाग मे होती है। साथ ही कुल उपज 13,898 मेट्रिक टन/वर्ष होती है।
(e) जवार
जवार कि कुल खेती 1,611 हैक्टेयर हिस्से मे होती है। और कुल उपज 1,713 मेट्रिक टन/वर्ष होती है।
(f) बाजरा
राज्य मे बाजरे कि कुल खेती 4,095 हैक्टेयर भू भाग मे होती है। साथ ही कुल उपज 4,639 मेट्रिक टन/वर्ष होती है।
(g) रागी
वही रागी (मड़ुआ) कि कुल खेती 6,925 हैक्टेयर भू भाग मे होती है। साथ ही कुल उपज 9,893 मेट्रिक टन/वर्ष होती है।
(h) छोटे बाजरा (Small Millets)
राज्य मे छोटे बाजरा कि कुल खेती 1,769 हैक्टेयर भू भाग मे होती है। साथ ही कुल उपज 1,338 मेट्रिक टन/वर्ष होती है।
प्रमुख तेलहनी फ़सले
(a) सरसों
राज्य मे सरसों कि कुल खेती 89,657 हैक्टेयर भू भाग मे होती है। साथ ही कुल उपज 94,392 मेट्रिक टन/वर्ष होती है।
(b) तीसी या अलसी
तीसी कि कुल खेती 15,033 हैक्टेयर भू भाग मे होती है। साथ ही कुल उपज 12,911 मेट्रिक टन/वर्ष होती है।
(c) तिल
वही तिल कि कुल खेती 2,754 हैक्टेयर भू भाग मे होती है। साथ ही कुल उपज 2,390 मेट्रिक टन/वर्ष होती है।
(d) सूरजमुखी
बिहार मे सूरजमुखी कि कुल खेती 11,404 हैक्टेयर भू भाग मे होती है। साथ ही कुल उपज 16,203 मेट्रिक टन/वर्ष होती है।
(e) कुसुम (Safflower)
कुसुम कि कुल खेती 106 हैक्टेयर भू भाग मे होती है। साथ ही कुल उपज 85 मेट्रिक टन/वर्ष होती है।
(f) मूंगफली
मूंगफली कि कुल खेती 492 हैक्टेयर भू भाग मे होती है। साथ ही कुल उपज 501 मेट्रिक टन/वर्ष होती है।
प्रमुख दलहनी फ़सले
बिहार मे दलहनी फसलों को मौसम के अनुकूल उगाया जाता है। उद्धारण के लिए कहे तो जो दाले रबी के मौसम मे उगती है वो खरीफ मौसम मे नहीं उगती। मतलब ये कि बिहार मे दोनों कृषि मौसम के अनुसार अलग अलग दाल कि फ़सले उगाई जाति है।
खरीफ मौसम के दलहनी फ़सले
(a) अरहर
अरहर कि कुल खेती 23,543 हैक्टेयर भू भाग मे होती है। साथ ही कुल उपज 37,134 मेट्रिक टन/वर्ष होती है।
(b) उरद
बिहार मे उरद दाल कि कुल खेती 13,651 हैक्टेयर भू भाग मे होती है। साथ ही कुल उपज 12,048 मेट्रिक टन/वर्ष होती है।
(c) भदही मूंग
राज्य मे भदही मूंग दाल कि कुल खेती 8,342 हैक्टेयर हिस्से मे होती है। साथ ही कुल उपज 683 मेट्रिक टन/वर्ष होती है।
(d) कुलथी
कुलथी कि कुल खेती 7,763 हैक्टेयर भू भाग मे होती है। साथ ही कुल उपज 7,210 मेट्रिक टन/वर्ष होती है।
रबी मौसम के दलहनी फ़सले
(a) चना
बिहार मे चने कि कुल खेती 59,367 हैक्टेयर भू भाग मे होती है। साथ ही कुल उपज 58,545 मेट्रिक टन/वर्ष होती है।
(b) मसूर
मसूर दाल कि कुल खेती 1,50,695 हैक्टेयर भू भाग मे होती है। साथ ही कुल उपज 1,40,439 मेट्रिक टन/वर्ष होती है।
(c) मटर
राज्य मे भदही मूंग दाल कि कुल खेती 17,035 हैक्टेयर भू भाग मे होती है। साथ ही कुल उपज 17,941 मेट्रिक टन/वर्ष होती है।
(d) खेसारी
वही खेसारी (खेसारी लाल यादव नहीं) कि कुल खेती 54,606 हैक्टेयर भू भाग मे होती है। साथ ही कुल उपज 50,987 मेट्रिक टन/वर्ष होती है।
बिहार मे नगदी फसलें
नगदी फ़सले उन फसलों को कहा जाता है, जिन्हे मूलतः उगाया ही जाता है बेचने के लिए। हमारे किसान बंधु इन फसलों कि खेती करके अपने जीवन व्यापन के लिए धन कि प्राप्ति करते है। ऐसा नहीं है कि ये फ़सले सिर्फ बेचने के लिए होती है। इन्हे घरेलू या निजी उपयोग के लिए रखने के बाद बेच दिया जाता है।
(a) गन्ना
बिहार गन्ना उत्पादन मे भारत के अग्रणी राज्यों मे से एक है। यह मौजूदा दौर में बिहार का प्रमुख नगदी फसल है। राज्य मे वर्ष 2019-20 मे गन्ना कि कुल खेती 3.15 लाख हैक्टेयर भू भाग मे हुई है। साथ ही इस वर्ष कुल उपज 220.50 लाख मेट्रिक टन रही।
अग्रणी जिले :- पं चंपारण (99,21,033.09 Ton /Yr), पूर्वी चंपारण (22,08,480 Ton /Yr), गोपालगंज (16,29,911 Ton /Yr)
(b) तंबाकू
तंबाकू कि खेती बिहार मे एक नगदी फसल के तौर पर कि जाती है। वही पूरे राज्य मे लगभग 14,130 हैक्टेयर भू भाग मे इसकी खेती होती है। साथ ही कुल उपज 17,050 मेट्रिक टन/वर्ष होता है ।
(c) जूट
बिहार जुट के उत्पादन में पूरे भारत में बंगाल के बाद दूसरा स्थान रखता है। वहीं जुट के उत्पादन में निम्न लिखित बिहार के जिले अग्रणी है। बिहार में होने वाले नगदी फसलों से होने वाली आमदनी कि बात करे तो उसमे जुट का बहुत बड़ा योगदान है।
पहले छोटे किसान जुट का उपयोग घरेलू कार्यों के लिए ही किया करते थे। किन्तु अब जुट का इस्तेमाल बहुत सी उपयोगी चीजे बनाने के लिए होने लगा है। अब जुट को वस्त्र उद्योग, पेपर उद्योग, बिल्डिग एवं सज्जा फर्नीशग सामान में होने लगा है।
अग्रणी उत्पादक जिले :- पूर्णिया, कटिहार, किशनगंज, अररिया, मधेपुरा, सपौल एवं सहरसा में जुट कि बड़े मात्रा में खेती होती है।
(d) लीची
अगर हम बिहार मे लीची कि उत्पादन कि बात करे तो ये समूचे भारत मे अग्रणी है। बिहार मे लगभग 47,000 लीची उत्पादन करने वाले छोटे बड़े किसान है। जबकि राज्य मे लगभग 32,000 हैक्टेयर भू भाग मे इसकी खेती होती है। और बिहार का कुल लीची उत्पादन 3 लाख टन से ज्यादा है।
बिहार मे लीची उत्पादन का केंद्र मुजफ्फरपुर और वैशाली जिले है। इन जिले के अलावा मोतीहारी और पूर्णिया मे भी लीची कि अच्छी खासी उत्पादन होती है।
ऊपर दी गई बिहार कि प्रमुख फसल के बारे सारी जानकारी बिहार के कृषि मंत्रालय द्वारा दिए गए आँकड़े से ली गई है। ये आँकड़े वर्ष 2015-16 के हिसाब से है।
ऊपर दी गई जानकारी कैसी लगी, कोई सुझाव या सवाल हो तो कमेन्ट बॉक्स मे जरूर बताए।
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