International Mother Language Day In Hindi:- अन्तरास्ट्रीय मातृ भाषा दिवस हर साल 21 फरवरी को मनाया जाता है। इस दिन को ही क्यू चुना गया, इसके पीछे एक बड़ी ही दुखभरी घटना जिम्मेदार है।
ये घटना तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान से जुड़ी हुई है, जिसे अब एक स्वतंत्र देश बांग्लादेश के नाम से जाना जाता है।
हम इस घटना के बारे मे आगे आपको विस्तार से जानकारी देंगे। इसके साथ ही ये भी बताएंगे की दुनिया भर मे विभिन मातृ भाषाओ की स्थिति क्या है।
International Mother Language Day History
आज जो हम सब लोग हर साल International Mother Language Day मनाते है उसकी शुरुवात सं 2000 ई मे हुई। दरअसल सं 1999 के नवम्बर महीने मे बांग्लादेश द्वारा लाए गए एक प्रस्ताव के बाद UNESCO के जनरल कॉन्फ्रेंस के दौरान यह फैसला लिया गया। फैसला यह था कि, हर साल 21 फरवरी को अन्तरास्ट्रीय मातृ भाषा दिवस मनाया जाएगा।
जैसा की हमने ऊपर बताया की International Mother Language Day के पीछे एक बहुत ही दुख भरी इतिहास जुड़ी हुई है। ये वाकया 21 फरवरी 1952 की है, जब तत्कालीन पाकिस्तान सरकार ने पुलिस द्वारा ढाका विश्वविद्यालय के छात्रों पर गोली चलवा दी थी।
उस गोलीबारी वाली घटना मे 4 छात्रों की मृत्यु हो गई थी। उनका कसूर ये था कि उन्होंने पाकिस्तानी सरकार द्वारा उन पर उर्दू भाषा थोपे जाने का विरोध किया था। उन्होंने बांग्ला भाषा को आधिकारिक दर्जा दिलाने के लिए आंदोलन छेड़ रखा था।
इसी आंदोलन के दौरान ये मौते हुई थी, और आखिरकार सरकार को उनकी बात माननी पड़ी और बांग्ला को आधिकारिक दर्जा मिला।
मातृ भाषा क्या होती है
मातृ भाषा उससे कहते है जिसे कोई बच्चा जिंदगी मे पहली बार बोलता है। अमूमन बच्चा बचपन मे अपने माँ के पास ही रहता है। और स्वाभाविक है की, माँ जो भाषा बोलेगी बच्चा उसे ही सीखेगा और बोलेगा। इसलिए बच्चा जिस भाषा को पहली बार बोलता है उसे हम मातृ भाषा कहते है।
हर मातृ भाषा की कुछ खासियत होती है। मातृ भाषा मुख्यतः तीन चीज को जोड़ती है।
पहला – सांकृतिक मूल्य
दूसरा – परम्पराओ को
तीसरा – इतिहास
क्या आप ये जानते है कि हमारे वेद बहुत समय तक लिखे नहीं गए थे ? कहने का मतलब ये है कि, वे लिखित रूप मे उपलब्ध नहीं थे। सदियों तक उन्हे अपने अपने मातृ भाषा के माध्यम से ही एक पीढ़ी से दूसरे पीढ़ी तक पहुचाया गया।
इस उद्धारण से आप समझ गए होंगे कि, अगर हजारों साल पहले मातृ भाषा नहीं होती तो आज हम और आप वेदों को पढ़ और सुन नहीं पाते।
भारत मे क्या स्तिथि है मातृ भाषा कि
पूरे विश्व की बात करे तो हर 14 दिन मे कोई 1 भाषा विलुप्त हो रही है। और अगर हम बात करे अपने प्यारे भारत की तो यहा पर भी स्तिथि कुछ खास ठीक नहीं है।
हम इस चीज को समझाने के लिए आपके सामने कुछ आँकड़े रखना चाहते है। इन आंकड़ों के माध्यम से आप समझ सकते है कि स्तिथि कितनी भयावह है।
निम्न आँकड़े सं 2011 के जनसंख्या के आधार पर दिए गए है।
- भारत मे कुल 19,500 भाषाये और बोलिया बोली जाती है।
- जिनमे से 2,900 के करीब विलुप्त होने के कगार पर है। दरअसल इन भाषाओ को मात्र 100 या उसेसे भी कम लोग बोलते है।
- कुल 19,500 भाषाओ मे से सिर्फ 121 भाषाये ही ऐसी है जिन्हे 10,000 से अधिक लोग बोलते है।
- रोचक बात यह है कि, ऊपर बताए गए 121 भाषाओ मे से 99 भाषाये, भारत के मात्र 3.29% लोग ही बोलते है।
- और बाकी बचे 22 भाषाये ऐसी है जिन्हे भारत के 96.7% लोग बोलते है।
- और ये वही 22 भाषाये है जिन्हे भारत के संविधान के आठवी अनुसूची मे आधिकारिक भाषा का दर्जा प्राप्त है।
ऊपर दिए गए आंकड़ों से सपस्ट है कि हमे अपने मातृ भाषा के विस्तार के लिए भरसक प्रयास करने होंगे। वरना वो दिन दूर नहीं जब हमारी भाषा भी उस लिस्ट मे होगी जो हर 14 दिन मे विलुप्त हो रही है।
उम्मीद है आपको International Mother Language Day in Hindi से जुड़ी ये तमाम जानकारी अच्छी लगी होगी। अगर जानकारी अच्छी लगी हो तो अपने दोस्तों के साथ शेयर करना ना भूले।
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